Registration of doctors will be done only if there are 50 marks in 12th: Delhi High Court

उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के उस फैसले को सही ठहराया है जिसके तहत याचिकाकर्ता को 12वीं कक्ष??

विदेशी विश्वविद्यालय से एमबीबीएस करने की सोच रहे हैं तो सुनिश्चित कर लें कि 12वीं के विज्ञान विषय में आपको न्यूनतम 50 फीसदी अंक हो। नहीं तो विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद भी भारत में आप बतौर डॉक्टर पंजीकृत नहीं हो पाएंगे। उच्च न्यायालय ने कहा है कि विदेशों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को बतौर डॉक्टर भारत में पंजीकरण कराने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल होने के लिए 12वीं के विज्ञान विषय में कम से कम 50 फीसदी अंक होना अनिवार्य है। जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने नेपाल के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र की याचिका को खारिज कर यह फैसला दिया है। 

 Registration of doctors only after having 50 percent marks in 12th Delhi  High Court orders for those getting MBBS degree from abroad - 12वीं में 50% अंक  होने पर ही डॉक्टरों का

 

उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के उस फैसले को सही ठहराया है जिसके तहत याचिकाकर्ता को 12वीं कक्षा में जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी विज्ञान में 50 फीसदी अंक नहीं होने पर बतौर डॉक्टर पंजीकृत होने के लिए आयोजित होने वाले स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल होने से रोक दिया था। न्यायालय ने भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 के प्रावधान का हवाला देकर एनएमसी के निर्णय को सही ठहराया है।

न्यायालय ने कहा कि एक छात्र को एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन में सक्षम होने के लिए 12वीं में भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान में 50 फीसदी अंक होने चाहिए। जस्टिस राव ने कहा कि भारत में पंजीकरण के लिए विदेशी एमबीबीएस डिग्री धारकों के मामले में समान न्यूनतम अंक मानदंड का पालन किया जाना चाहिए। 

 

 

12वीं में 50 अंक होने पर ही डॉक्टरों का पंजीकरण
मूलरूप से बिहार के रहने वाले अपूर्व शंकर ने याचिका में कहा कि बिहार बोर्ड से इंटरमीडिएट (12वीं कक्षा) में भौतिकी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और अंग्रेजी को मिलकार 50 फीसदी अंक प्राप्त किए। तीनों विज्ञान विषयों में छात्र को महज 47.83 फीसदी ही अंक है। शंकर ने नेपाल स्थित बीपी कोइरला हेल्थ एंड साइंस (मेडिकल कॉलेज) में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने और एक साल का इंटर्नशिप पूरा होने के बाद याचिकाकर्ता ने पिछले साल भारत में बतौर डॉक्टर पंजीकृत होने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। इस टेस्ट का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा किया जाता है। एनएमसी ने विज्ञान विषयों में 50 फीसदी अंक न होने के चलते परीक्षा में शामिल होने के लिए याचिकाकर्ता की ओर से भेजे गए आवेदन को खारिज कर दिया।  

 


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